कक्षा 1 हिंदी सारंगी पुस्तक के संपूर्ण पाठ योजनाएँ – सरल और क्रियात्मक लेसन प्लान || कक्षा 1 सारंगी के लिए बेहतरीन हिंदी लेसन प्लान – शिक्षक मार्गदर्शिका || NCERT कक्षा 1 हिंदी पाठ 'सारंगी' पर आधारित प्रभावी पाठ योजनाएँ || कक्षा 1 के लिए सभी हिंदी पाठों के लेसन प्लान | सारंगी बुक स्पेशल

 

Introduction

कक्षा 1 की हिंदी की पुस्तक "सारंगी" में बच्चों की भाषा विकास, कल्पनाशक्ति और नैतिक मूल्यों को निखारने वाली रचनाएँ शामिल हैं। इस ब्लॉग में "सारंगी" पुस्तक के प्रत्येक पाठ पर आधारित विस्तारपूर्ण और क्रियात्मक लेसन प्लान दिए गए हैं, जिनमें शिक्षण रणनीतियाँ, मूल्यांकन, संसाधन और 21वीं सदी के कौशल को विशेष रूप से शामिल किया गया है। यह सभी लेसन प्लान सरल भाषा में, एनसीईआरटी की दिशानिर्देशों के अनुसार तैयार किए गए हैं ताकि शिक्षक कक्षा में प्रभावी और आनंददायक शिक्षण कर सकें।

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पाठ योजना

पाठ 1 – मीना का परिवार

1. संकल्पना (Concept)

1.    परिवार क्या होता है और उसमें कौन-कौन शामिल होते हैं।

2.    परिवार में सभी सदस्य एक-दूसरे का ध्यान रखते हैं।

3.    परिवार में सहयोग, प्यार और अपनापन होता है।

4.    परिवार के सभी सदस्य कुछ न कुछ काम करते हैं।

5.    बच्चों को अपने परिवार के बारे में आत्मीयता से बात करने का अवसर मिले।

 

2. सीखने के परिणाम (Learning Outcomes)

1.    छात्र अपने परिवार के सदस्यों की पहचान करते हैं।

2.    छात्र अपने विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त करते हैं।

3.    छात्र कहानी के पात्रों और घटनाओं को समझते हैं।

4.    छात्र शब्दों की सही पहचान और उच्चारण करते हैं।

5.    छात्र परिवार के सदस्यों के कार्यों का वर्णन कर सकते हैं।

 

3. शैक्षणिक रणनीतियाँ (Pedagogical Strategies)

  • क्रियात्मक अधिगम (Activity-Based Learning)छात्र खिलौनों और फूलों को गिनकर तुलना करते हैं।
  • दृश्यात्मक अधिगम (Visual Learning)खिलौनों और फूलों के चित्रों से रंग और संख्या की पहचान करवाई जाती है।
  • अनुभवात्मक अधिगम (Hands-on Experience)बटन, कंकड़ जैसी वस्तुओं से वर्गीकरण का अभ्यास कराया जाता है।
  • कहानी विधि (Storytelling Method)खिलौनों और परिवार पर आधारित लघु कहानियाँ सुनाकर समझ विकसित की जाती है।
  • सहयोगात्मक अधिगम (Collaborative Learning)समूह गतिविधियों और चर्चा के माध्यम से तुलना करना सिखाया जाता है।
  • पहेली हल करना (Puzzle Solving)छात्रों को संख्या आधारित सरल पहेलियाँ हल करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
  • संवादात्मक खेल (Interactive Games)संख्यात्मक कार्ड्स के साथ "छिपा कौन?" जैसे खेलों द्वारा अभ्यास कराया जाता है।

 

4. अन्य विषयों के साथ एकीकरण (Integration with Other Subjects)

1.    पर्यावरण अध्ययन: परिवार और उनका सहयोग।

2.    गणित: परिवार में सदस्यों की संख्या गिनना।

3.    कला: अपने परिवार का चित्र बनाना।

4.    संगीत: परिवार पर आधारित गीत गाना।

5.    नैतिक शिक्षा: आपसी सहयोग, आदर, और स्नेह की भावना।

 

5. मूल्यांकन (Assessment)

मौखिक (Oral):

1.    अपने परिवार के सदस्यों के बारे में बताओ।

2.    कहानी का सारांश सुनाना।

लिखित (Written):

3.    वर्कशीट भरना – "मेरा परिवार", "कौन क्या करता है?"

4.    कहानी से संबंधित प्रश्नों का उत्तर देना।

व्यवहारिक (Behavioral):

5.    सहपाठियों के परिवारों के प्रति आदर की भावना।

6.    समूह कार्यों में भागीदारी।

सभी स्तर के छात्रों के लिए:

7.    कमजोर छात्रों के लिए चित्र पहचान, औसत छात्रों के लिए सरल लेखन, मेधावी छात्रों के लिए परिवार पर रचनात्मक लेखन।

 

6. संसाधन (Resources)

1.    पाठ्यपुस्तक "परिवार" का अध्याय।

2.    परिवार का चित्र पोस्टर।

3.    वर्कशीट – शब्द खोज, परिवार चित्र बनाओ, आदि।

4.    ICT सामग्रीपरिवार पर आधारित एनिमेटेड वीडियो/YouTube लिंक।

5.    फ्लैशकार्ड्स – परिवार के सदस्यों के नाम।

 

7. 21वीं सदी के कौशल / मूल्य / शिक्षा / व्यावसायिक कौशल (21st Century Skills / Value / Education / Vocational Skill)

1.    संवाद कौशल – बच्चों का आत्मविश्वास और बोलने की क्षमता।

2.    सहानुभूति और भावनात्मक विकास – परिवार के सदस्यों के प्रति सम्मान।

3.    सहकारिता – समूह कार्य और गतिविधियों में सहभागिता।

4.    नैतिक मूल्य – बड़ों का आदर और मदद करना।

5.    ICT साक्षरता – वीडियो और डिजिटल प्रस्तुति से सीखना।

 

8. विस्तार / वास्तविक जीवन में अनुप्रयोग (Extension / Real-life Application)

1.    घर जाकर परिवार के सभी सदस्यों से बातचीत करना।

2.    माता-पिता के साथ मिलकर घरेलू कार्यों में सहायता करना।

3.    परिवार का चित्र बनाकर स्कूल लाना और साझा करना।

4.    एक दिन "परिवार दिवस" मनाना – जहाँ बच्चे अपने परिजनों की भूमिका निभाएं।

5.    दादी-नानी से कहानी सुनने का अभ्यास।

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पाठ योजना

पाठ 2 - "दादा-दादी"

1. संकल्पना (Concept)

  • परिवार के दादा-दादी के साथ संबंध को पहचानना।
  • कविता के माध्यम से पारिवारिक प्यार और अपनापन समझना।
  • बुजुर्गों के कार्य, व्यवहार और भावनाओं की झलक मिलना।
  • कविता के माधुर्य और लय का आनंद लेना।
  • बच्चों को पारिवारिक शब्दावली से परिचित कराना।

 

2. सीखने के परिणाम (Learning Outcomes)

  • छात्र कविता को सही लय और उच्चारण के साथ पढ़ते हैं।
  • छात्र ‘द्द्’, ‘न्न्’, ‘म्म्’ जैसे वर्ण-युग्मों की पहचान करते हैं।
  • छात्र चित्रों और शब्दों के माध्यम से शब्दों की संख्या गिनते हैं।
  • छात्र कविता में वर्णित भावनाओं को समझकर व्यक्त करते हैं।
  • छात्र परिवार के सदस्यों के साथ संवाद में रुचि लेते हैं।

 

3. शैक्षणिक रणनीतियाँ (Pedagogical Strategies)

  • क्रियात्मक अधिगम (Activity-Based Learning)छात्र चित्र देखकर कविता से संबंधित शब्दों की संख्या गिनते हैं।
  • दृश्यात्मक अधिगम (Visual Learning)दादा-दादी, घर, परिवार आदि के चित्रों द्वारा समझ विकसित की जाती है।
  • अनुभवात्मक अधिगम (Hands-on Experience)छात्र वास्तविक पारिवारिक वस्तुएँ दिखाकर नाम बताते हैं।
  • कहानी विधि (Storytelling Method)दादी-दादा की कहानियों को बच्चों से सुनवाकर अनुभव साझा करवाया जाता है।
  • सहयोगात्मक अधिगम (Collaborative Learning)जोड़ी में बच्चों को मिलकर कविता गवायी जाती है।
  • पहेली हल करना (Puzzle Solving)अक्षर समूहों (जैसे म्म्, न्न्) को जोड़कर शब्द बनाने की गतिविधि।
  • संवादात्मक खेल (Interactive Games) – 'कौन से शब्द में द्द् है?' जैसे खेलों द्वारा सीखने की पुष्टि की जाती है।

 

4. अन्य विषयों के साथ एकीकरण (Integration with Other Subjects)

  • पर्यावरण अध्ययनपरिवार के सदस्यों की भूमिका पर चर्चा।
  • गणितशब्दों और ध्वनियों की गिनती।
  • कलादादा-दादी का चित्र बनाना व रंग भरना।
  • नैतिक शिक्षाबुजुर्गों के प्रति सम्मान का भाव जगाना।
  • संगीतकविता को ताल के साथ गाना।

 

5. मूल्यांकन (Assessment)

(क) मौखिक मूल्यांकन (Oral Assessment)

  • कविता का उच्चारण सही है या नहीं, सुनकर आकलन।
  • बच्चों से कविता के भाव पूछकर समझ की जाँच।

(ख) लिखित मूल्यांकन (Written Assessment)

  • वर्ण-युग्मों से शब्द बनवाना।
  • चित्र देखकर संबंधित शब्द लिखवाना।

(ग) व्यवहारिक मूल्यांकन (Behavioural Assessment)

  • कविता सुनने में रुचि दिखाना।
  • समूह में सहयोगपूर्वक भाग लेना।

(घ) विभिन्न स्तर के विद्यार्थियों के लिए

  • तेज विद्यार्थीनई कविता बनाकर सुनाना।
  • मध्यम विद्यार्थीकविता में आए वर्णों को पहचानना।
  • धीमे विद्यार्थीचित्र देखकर कहानी सुनाना या शब्द बोलना।

 

6. संसाधन (Resources)

  • कविता की ऑडियो क्लिप (ICT संसाधन)।
  • दादा-दादी, घर, कपड़े, मुस्कान आदि के चित्र।
  • चार्ट पेपर, रंगीन पेंसिल, फ्लैश कार्ड।
  • श्वेतपट्ट (Whiteboard), स्मार्ट टीवी या प्रोजेक्टर।
  • शब्द-पहेली या वर्ण समूहों वाले वर्कशीट्स।

 

7. 21वीं सदी के कौशल / मूल्य / शिक्षा / व्यावसायिक कौशल

  • संचार कौशलकविता को भावों सहित प्रस्तुत करना।
  • भावनात्मक बुद्धिमत्ताबुजुर्गों के प्रति संवेदनशीलता।
  • सांस्कृतिक मूल्यों की समझपरिवार की भारतीय अवधारणा का सम्मान।
  • सहयोग व टीम वर्ककविता गाते समय समूह सहभागिता।
  • रचनात्मकताचित्र बनाना, रंग भरना, नई कविता बनाना।

 

8. विस्तार / वास्तविक जीवन में अनुप्रयोग (Extension / Real-life Application)

  • बच्चों को दादा-दादी से कविता सुनाने को कहना।
  • घर में बुजुर्गों के साथ समय बिताने की प्रेरणा देना।
  • पारिवारिक एल्बम दिखाकर सदस्यों की पहचान कराना।
  • दादी-दादा की पसंदीदा चीजों पर चर्चा कराना।
  • घर में बुजुर्गों की मदद करने की आदत डालना।

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पाठ योजना

पाठ 3 - “रीना का दिन”

1. संकल्पना (Concept)

  • दिनचर्या के कार्यों की पहचान करना।
  • समय के अनुसार कार्य करने की समझ विकसित करना।
  • स्वच्छता, आदतें और आत्मनिर्भरता का महत्व समझना।
  • अभिवादन और शिष्टाचार के व्यवहार को जानना।
  • स्कूल और घर के बीच तालमेल बनाना।

 

2. सीखने के परिणाम (Learning Outcomes)

  • छात्र दिनचर्या की गतिविधियों को सही क्रम में बताते हैं।
  • छात्र स्वच्छता और अभिवादन के महत्व को समझते हैं।
  • छात्र चित्रों के आधार पर कहानी का वर्णन करते हैं।
  • छात्र "सुप्रभात", "नमस्ते", "शुभ रात्रि" जैसे शब्दों का प्रयोग करते हैं।
  • छात्र मिट्टी के खिलौनों से खेल की गतिविधियों में भाग लेते हैं।

 

3. शैक्षणिक रणनीतियाँ (Pedagogical Strategies)

  • क्रियात्मक अधिगमदिनचर्या के कार्यों की अनुक्रमण गतिविधि।
  • दृश्यात्मक अधिगमकहानी से जुड़े चित्रों का उपयोग करके क्रियाएँ पहचानना।
  • अनुभवात्मक अधिगमछात्र अपनी स्वयं की दिनचर्या के बारे में बताते हैं।
  • कहानी विधिरीना की दिनचर्या को नाटकीय तरीके से सुनाया जाता है।
  • सहयोगात्मक अधिगमजोड़ी बनाकर बच्चे एक-दूसरे की आदतें पूछते हैं।
  • रचनात्मक गतिविधिमिट्टी से घर की वस्तुएँ बनाकर 'घर-घर' खेल खेलना।
  • भाषा खेल – "कौन क्या करता है?" जैसे क्रियाओं से संबंधित खेल कराना।

 

4. अन्य विषयों के साथ एकीकरण (Integration with Other Subjects)

  • EVS (पर्यावरण अध्ययन)साफ-सफाई और व्यक्तिगत दिनचर्या पर चर्चा।
  • कलाघर और दिनचर्या से संबंधित चित्र बनाना।
  • गणितसमय और क्रम के अनुसार गतिविधियों को सजाना।
  • नैतिक शिक्षाबड़ों का अभिवादन, नियम पालन का अभ्यास।
  • शारीरिक शिक्षा – 'घर-घर' खेल के माध्यम से सामूहिक गतिविधि।

 

5. मूल्यांकन (Assessment)

(क) मौखिक मूल्यांकन (Oral Assessment)

  • बच्चों से पूछा जाए: “रीना कब स्कूल जाती है?”
  • 'सुप्रभात' और 'शुभ रात्रि' शब्दों का प्रयोग करवाना।

(ख) लिखित मूल्यांकन (Written Assessment)

  • चित्र देख कर सही क्रम में घटनाओं को जोड़ना।
  • घर में प्रयोग होने वाली वस्तुओं के नाम लिखना।

(ग) व्यवहारिक मूल्यांकन (Behavioural Assessment)

  • क्या छात्र समय पर कार्य करते हैं?
  • क्या वे सहयोगपूर्ण व्यवहार करते हैं?

(घ) विभिन्न स्तर के विद्यार्थियों के लिए

  • तेज विद्यार्थीअपनी दिनचर्या को चित्र सहित प्रस्तुत करना।
  • मध्यम विद्यार्थी – 4–5 गतिविधियों का क्रम बताना।
  • धीमे विद्यार्थीचित्र दिखाकर नाम बताना या पहचान करना।

 

6. संसाधन (Resources)

  • स्मार्ट टीवी/प्रोजेक्टर पर कहानी की ऑडियो-विज़ुअल क्लिप (ICT)
  • रीना की दिनचर्या वाले फ्लैश कार्ड्स।
  • मिट्टी, थाली, कटोरी, चूल्हा आदि सामग्री।
  • चार्ट पेपर और रंग भरने की सामग्री।
  • अभ्यास कार्यपत्रक, चित्र जोड़ने वाले पजल्स।

 

7. 21वीं सदी के कौशल / मूल्य / शिक्षा / व्यावसायिक कौशल

  • आत्म-प्रबंधनसमय पर कार्य करने की आदत।
  • संचार कौशलसुप्रभात/शुभ रात्रि जैसे शब्दों का प्रयोग।
  • सांस्कृतिक मूल्यबड़ों का सम्मान और परिवार के प्रति अपनापन।
  • रचनात्मकतामिट्टी से वस्तुएँ बनाना और चित्रकारी करना।
  • सामूहिक कार्यमिल-जुलकर घर-घर खेल खेलना।

 

8. विस्तार / वास्तविक जीवन में अनुप्रयोग (Extension / Real-life Application)

  • घर में सुबह और रात की गतिविधियों का पालन करना।
  • बड़ों का सम्मानपूर्वक अभिवादन करना।
  • दिनचर्या की जिम्मेदारी स्वयं निभाना (जैसे नहाना, खाना, पढ़ना)।
  • परिवार की मदद करना (जैसे छोटे भाई/बहन का ध्यान रखना)।
  • रोज़ाना अपने दिन की घटनाओं को याद कर बताना।

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पाठ योजना

पाठ 4 – रानी भी

 

1. संकल्पना (Concept)

  • छोटे बच्चे भी आत्मनिर्भर और समझदार हो सकते हैं।
  • भी” शब्द के प्रयोग से समानता और सहभागिता की भावना।
  • "रानी" जैसी नन्हीं बच्ची के माध्यम से आत्मसम्मान की शिक्षा।
  • कार्यों को स्वयं करने की प्रेरणा देना।
  • परिवार के वातावरण में बच्चों के विकास की भूमिका।

 

2. सीखने के परिणाम (Learning Outcomes)

  • छात्र "भी" शब्द का सही प्रयोग करते हैं।
  • छात्र कहानी में रानी की विशेषताओं को पहचानते हैं।
  • छात्र आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा लेते हैं।
  • छात्र कहानी से जुड़े चित्रों की पहचान करते हैं।
  • छात्र समानता व अनुकरण की भावना को समझते हैं।

 

3. शैक्षणिक रणनीतियाँ (Pedagogical Strategies)

  • कहानी सुनानाशिक्षक भावों के साथ "रानी भी" की कहानी सुनाते हैं।
  • चित्र वार्ताकहानी से संबंधित चित्रों पर बच्चों से बातचीत कराना।
  • भूमिका अभिनय – "रानी" की भूमिका में संवाद बोलवाना।
  • भी’ शब्द अभ्यासवाक्य बनवाना: "मैं भी खाता हूँ", "रानी भी जाती है"।
  • शब्द कार्ड खेल – 'रानी', 'भी', 'नी', 'कंघी', 'नहाई' आदि शब्द पहचान।
  • अनुकरण क्रियाएक छात्र का काम करना, दूसरा बोलना – "मैं भी करता हूँ।"
  • भाव-अभिव्यक्ति गतिविधि – "अगर तुम रानी होते तो क्या करते?"

 

4. अन्य विषयों के साथ एकीकरण (Integration with Other Subjects)

  • पर्यावरण अध्ययन (EVS)बच्चों की दिनचर्या और आत्मनिर्भरता।
  • कलारानी और उसकी वस्तुओं का चित्र बनाना व रंग भरना।
  • नैतिक शिक्षाआत्मसम्मान और स्वावलंबन को समझना।
  • गणितरानी के सामानों की गिनती (1 कंघी, 1 तौलिया आदि)।
  • संगीत – “मैं भी छोटी सी रानी हूँ” जैसे गीत गवाना।

 

5. मूल्यांकन (Assessment)

मौखिक मूल्यांकन

  • रानी कौन थी?
  • रानी ने क्या-क्या काम खुद किए?
  • क्या तुम भी ऐसा कर सकते हो?

लिखित मूल्यांकन

  • भी” शब्द से 2 वाक्य लिखवाना।
  • चित्र देखकर पहचान और नाम लिखना।

व्यवहारिक मूल्यांकन

  • बच्चा कार्य को स्वयं करता है या नहीं।
  • वह सहयोग और आत्मविश्वास से बात करता है या नहीं।

स्तरानुसार मूल्यांकन

  • धीमे छात्रचित्र रंगना, दो शब्द बोलना।
  • सामान्य छात्ररानी की तरह 2 कार्य बताना।
  • तेज छात्ररोल प्ले करना, कहानी में नया पात्र जोड़ना।

 

6. संसाधन (Resources)

  • ICT सामग्रीरानी की कहानी का वीडियो/ऑडियो।
  • फ्लैश कार्ड्स – 'रानी', 'भी', 'कंघी', 'तौलिया', 'झोला' आदि।
  • चित्ररानी, बर्तन, नहाना, बाल बनाना आदि से जुड़े चित्र।
  • वस्तुएँनन्हा झोला, कंघी, कपड़ा, चप्पल आदि।
  • वर्कशीट्सशब्द जोड़ो, चित्र रंगो, सही वाक्य चुनो।

 

7. 21वीं सदी के कौशल / मूल्य / शिक्षा / व्यावसायिक कौशल

  • आत्म-निर्भरताकार्य खुद करना सीखना।
  • संचार कौशलकहानी कहने और विचार रखने की क्षमता।
  • सहयोगमिलजुल कर कार्य करना।
  • रचनात्मकताचित्र बनाना और कहानी में नया जोड़ना।
  • मूल्य शिक्षाआत्मसम्मान और सादगी का आदर्श।

 

8. विस्तार / वास्तविक जीवन में अनुप्रयोग (Extension / Real-life Application)

  • बच्चे अपने दैनिक कार्य जैसे कंघी करना, झोला रखना, खुद करने की कोशिश करते हैं।
  • परिवार में "मैं भी..." का सकारात्मक प्रयोग करते हैं।
  • बच्चे भाई-बहनों की मदद करते हैं और सहयोग दिखाते हैं।
  • वे आत्मविश्वास के साथ अपनी बात रखते हैं।
  • रानी की तरह छोटे लेकिन साहसी कार्यों को अपनाते हैं।

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  पाठ योजना

पाठ 5 – मिठाई

1. संकल्पना (Concept)

  • सहयोग और मित्रता का महत्व।
  • पसंद-नापसंद की पहचान।
  • दूसरों की राय को सुनना और समझना।
  • एकता में शक्ति की भावना।
  • सरल और रोचक ढंग से कहानी समझना।

 

2. सीखने के परिणाम (Learning Outcomes)

  • छात्र कहानी में आए पात्रों की पहचान करते हैं।
  • छात्र "खाओ", "पसंद", "मिठाई" जैसे शब्दों को समझते हैं।
  • छात्र विभिन्न जानवरों की आवाज़ व पहचान बताते हैं।
  • छात्र कहानी को अनुक्रम में दोहरा पाते हैं।
  • छात्र अपने पसंदीदा खाने की चीज़ बताकर वाक्य बनाते हैं।

 

3. शैक्षणिक रणनीतियाँ (Pedagogical Strategies)

  • कहानी वाचनभावों और आवाज़ के साथ कहानी सुनाना।
  • चित्र वार्ताजानवरों और मिठाई की चित्रों पर बातचीत कराना।
  • भूमिका अभिनयगधा, भालू, हाथी आदि की भूमिका बच्चों से करवाना।
  • शब्द कार्ड खेल – 'गधा', 'मिठाई', 'शहद' आदि कार्ड से शब्द बनवाना।
  • क्या खाओगे?’ संवादशिक्षक पूछे और बच्चे उत्तर दें: "मैं गाजर खाऊँगा"।
  • इ और ई ध्वनि अभ्यासमिठाई, चींटी, ईख आदि शब्दों से ध्वनि पहचान।
  • मिठाई की दुकान सजानाकक्षा में नकली दुकान बनाकर खेल-खेल में अभ्यास।

 

4. अन्य विषयों के साथ एकीकरण (Integration with Other Subjects)

  • पर्यावरण अध्ययन (EVS)जानवर क्या खाते हैं, कहाँ रहते हैं।
  • कलाजानवरों या मिठाइयों के चित्र बनाना व रंगना।
  • गणितमिठाइयों की गिनती, कौन सी ज्यादा-कौन सी कम।
  • स्वास्थ्य शिक्षामीठा अधिक खाने के नुकसान पर बातचीत।
  • संगीत – “चिंटी आई रसोई में” जैसे गीत गाकर मजा बढ़ाना।

 

5. मूल्यांकन (Assessment)

मौखिक मूल्यांकन

  • गधा क्या खाना चाहता था?
  • किसने आम खाने को कहा?
  • कहानी में कितने जानवर थे?

लिखित मूल्यांकन

  • दो मिठाइयों के नाम लिखना।
  • ग’, ‘ध’, ‘ठ’ अक्षरों से शब्द बनाना।

व्यवहारिक मूल्यांकन

  • क्या बच्चा भूमिका निभाने में भाग लेता है?
  • मिठाई की दुकान खेल में शामिल होता है?

स्तरानुसार मूल्यांकन

  • धीमे छात्रचित्रों की पहचान, दो शब्द बोलना।
  • सामान्य छात्रदो वाक्य बोलना, एक दृश्य चित्रित करना।
  • तेज छात्रकहानी का छोटा भाग खुद से सुनाना या नया अंत जोड़ना।

 

6. संसाधन (Resources)

  • ICT सामग्रीमिठाई और जानवरों से जुड़ी बाल कहानियाँ (वीडियो/ऑडियो)।
  • फ्लैश कार्ड्समिठाई, गधा, हाथी, आम, गाजर आदि शब्दों के।
  • कहानी चार्टचित्रों के साथ पूरी कहानी चार्ट पर।
  • रंगीन चित्रसभी जानवरों और मिठाइयों के रंगीन प्रिंट।
  • वर्कशीट्सशब्द जोड़ो, चित्र पहचानो, सही-गलत लगाओ।

 

7. 21वीं सदी के कौशल / मूल्य / शिक्षा / व्यावसायिक कौशल

  • सुनने और बोलने का कौशलकहानी सुनकर उत्तर देना।
  • रचनात्मकतामिठाई या जानवर का चित्र बनाना।
  • मित्रता और सहयोगसमूह कार्य में सहभागिता।
  • चुनाव की क्षमताअपनी पसंद बताना।
  • भाषा कौशल – 'खाओ', 'चलो', 'मना किया' जैसे क्रिया शब्दों का अभ्यास।

 

8. विस्तार / वास्तविक जीवन में अनुप्रयोग (Extension / Real-life Application)

  • बच्चा अपनी पसंद-नापसंद को शब्दों में बताना सीखता है।
  • घर पर मिठाइयों और फलों को पहचानता है।
  • जानवरों की आवाज़ और खाना पहचानना सीखता है।
  • दोस्त के सुझाव को समझना और मानना सीखता है।
  • मिठाई की दुकान में जाना या चित्र बनाकर अनुभव साझा करना।

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 पाठ योजना

पाठ 6 – तीन साथी

 

1. संकल्पना (Concept)

  • जानवरों के बीच दोस्ती और सहयोग।
  • संकट में मदद करने का भाव।
  • प्रकृति से जुड़ाव (तालाब, पेड़, फल)।
  • मिल-जुलकर खाना और रहना।
  • अच्छे-बुरे समय में साथ देना।

 

2. सीखने के परिणाम (Learning Outcomes)

  • बच्चे कहानी में आए तीनों पात्रों की पहचान करते हैं।
  • बच्चे कहानी को सही क्रम में दोहराते हैं।
  • बच्चे संकट की स्थिति में मदद के भाव को समझते हैं।
  • बच्चे ‘इ’ और ‘ई’ की मात्रा वाले शब्द पहचानते हैं।
  • बच्चे अपने अनुभवों को सरल भाषा में साझा करते हैं।

 

3. शैक्षणिक रणनीतियाँ (Pedagogical Strategies)

  • कहानी वाचनभावपूर्ण स्वर और चित्रों की मदद से कहानी सुनाना।
  • भूमिका निभानाहाथी, बकरी, चिड़िया बनकर अभिनय करवाना।
  • चित्र वार्तातालाब, पेड़, जानवरों के चित्रों पर चर्चा कराना।
  • शब्द खोज खेल – 'तीन', 'साथी', 'बकरी', 'चिड़िया' जैसे शब्द कार्ड्स से खेल।
  • मात्रा अभ्यास – ‘इ’ और ‘ई’ की मात्रा वाले शब्दों को रंगना और बोलना।
  • अनुक्रम अभ्यासकहानी के चित्रों को सही क्रम में लगाकर अभ्यास।
  • सहयोग का अनुभवबच्चों से पूछना, "कब आपने किसी की मदद की?"

 

4. अन्य विषयों के साथ एकीकरण (Integration with Other Subjects)

  • पर्यावरण अध्ययन (EVS)तालाब, पेड़, जानवरों के जीवन पर चर्चा।
  • कलाहाथी-बकरी-चिड़िया का चित्र बनाना और रंगना।
  • गणिततीनों पात्रों की गिनती और तुलना।
  • नैतिक शिक्षासहयोग और मित्रता का मूल्य।
  • स्वास्थ्य शिक्षाफल खाने और साफ पानी के महत्व की बात करना।

 

5. मूल्यांकन (Assessment)

मौखिक मूल्यांकन

  • कहानी के तीन साथी कौन हैं?
  • हाथी ने क्या काम किया?
  • चिड़िया की क्या भूमिका थी?

लिखित मूल्यांकन

  • तीन’, ‘बकरी’, ‘तालाब’ जैसे शब्द लिखना।
  • मात्रा भरने की वर्कशीट पूरी करना।

व्यवहारिक मूल्यांकन

  • भूमिका अभिनय में भाग लेना।
  • कहानी के चित्रों को सही क्रम में लगाना।

स्तरानुसार मूल्यांकन

  • धीमे छात्रचित्र पहचानें, शब्द बोलें।
  • सामान्य छात्र – 2–3 वाक्य बोलें, एक दृश्य बनाएँ।
  • तेज छात्रकहानी को संक्षेप में दोहराएँ या नया अंत जोड़ें।

 

6. संसाधन (Resources)

  • ICT सामग्रीएनिमेटेड कहानी वीडियो, ‘तीन साथी’ का ऑडियो वाचन।
  • चित्र कार्ड्सहाथी, बकरी, चिड़िया, तालाब, पेड़ आदि।
  • शब्द कार्ड्स – 'बकरी', 'हाथी', 'चिड़िया', 'साथी' आदि।
  • वर्कशीट्समात्रा अभ्यास, कहानी अनुक्रमण, चित्र-पहचान।
  • चार्ट पेपरकहानी का चित्रमय चार्ट बनाना।

 

7. 21वीं सदी के कौशल / मूल्य / शिक्षा / व्यावसायिक कौशल

  • समस्या समाधान कौशलसंकट में निर्णय लेना और मदद करना।
  • संचार कौशलअपनी बात स्पष्ट रूप से व्यक्त करना।
  • सहयोग और सहभागितासमूह कार्य में मिल-जुलकर कार्य करना।
  • भावनात्मक समझकहानी के पात्रों के भावों को समझना।
  • रचनात्मकतापात्रों और दृश्य का चित्रण करना।

 

8. विस्तार / वास्तविक जीवन में अनुप्रयोग (Extension / Real-life Application)

  • मित्रों के साथ मिलकर खेल और पढ़ाई करना।
  • संकट में मदद करने की आदत डालना।
  • जानवरों और प्रकृति के प्रति संवेदना विकसित करना।
  • तालाब और पेड़ के महत्व को समझना।
  • अपने अनुभवों को कहानी के रूप में कहना सीखना।

 

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पाठ योजना

पाठ 7 – वाह! मेरे घोड़े

1. संकल्पना (Concept)

  • कविता के माध्यम से लय और ताल की समझ विकसित करना।
  • त’, ‘घ’, ‘ड़’ जैसी ध्वनियों की पहचान कराना।
  • जानवरों और उनकी गति से जुड़ी कल्पना को प्रोत्साहित करना।
  • कविता के शब्दों से भाषा विकास करना।
  • आनंदपूर्वक कविता सुनना और दोहराना।

 

2. सीखने के परिणाम (Learning Outcomes)

  • विद्यार्थी कविता को लयबद्ध पढ़ते और दोहराते हैं।
  • बच्चे कविता में आए शब्दों की ध्वनि पहचानते हैं।
  • छात्र '', '', 'ड़' ध्वनियों वाले शब्दों को बोलते और पहचानते हैं।
  • बच्चे घोड़े की चाल और ताल की कल्पना करते हैं।
  • बच्चे अपनी कल्पना से मिलती-जुलती चाल को प्रदर्शित करते हैं।

 

3. शैक्षणिक रणनीतियाँ (Pedagogical Strategies)

  • कविता गायनशिक्षक कविता को ताल और लय में गाते हैं।
  • चित्र वार्ताघोड़े, दाल, चाल, ताल आदि चित्र दिखाकर चर्चा।
  • ध्वनि अभ्यास – ‘घ’, ‘त’, ‘ड़’ जैसे ध्वनियों पर उच्चारण अभ्यास।
  • कविता अभिनयबच्चे कविता के अनुसार घोड़े की तरह चलकर अभिनय करते हैं।
  • शब्द खेलकविता में आए शब्दों को जोड़ने और पहचानने का खेल।
  • लय अभ्यासथाली या मेज़ की मदद से ताल पर कविता बोलना।
  • ICT उपयोगकविता का ऑडियो/वीडियो चलाकर बच्चों को सुनवाना।

 

4. अन्य विषयों के साथ एकीकरण (Integration with Other Subjects)

  • कलाघोड़े और कविता के दृश्य का चित्र बनाना।
  • शारीरिक शिक्षाघोड़े की तरह चलने, कूदने, ताल पकड़ने का अभ्यास।
  • संगीतताल वाद्य के साथ कविता को गाना।
  • भाषाकविता के शब्दों से नए वाक्य बनाना।
  • EVSघोड़े के उपयोग और उसकी विशेषताएँ जानना।

 

5. मूल्यांकन (Assessment)

मौखिक मूल्यांकन

  • कविता को दोहराओ।
  • घोड़े की चाल कैसी होती है?
  • ताल, दाल, चाल जैसे शब्द कौन-कौन से हैं?

लिखित मूल्यांकन

  • खाली स्थान भरो: ___ की दाल, ___ का कमाल
  • घ’ और ‘त’ वाले शब्द लिखो।

व्यवहारिक मूल्यांकन

  • कविता पर अभिनय करके दिखाओ।
  • ताल पर कविता बोलने की कोशिश करो।

स्तरानुसार मूल्यांकन

  • धीमे छात्रचित्र पहचानें, शब्द दोहराएं।
  • सामान्य छात्रकविता को गाएं और 2 शब्द पहचानें।
  • तेज छात्रकविता को नाटकीय ढंग से प्रस्तुत करें, और नए शब्द जोड़ें।

 

6. संसाधन (Resources)

  • ICT संसाधनकविता का एनिमेटेड वीडियो या ऑडियो क्लिप।
  • चार्ट पेपरकविता के दृश्य का चार्ट (घोड़ा, ताल, दाल)।
  • शब्द कार्ड्स – ‘ताल’, ‘चाल’, ‘दाल’, ‘कमाल’ आदि।
  • चित्र कार्ड्सघोड़ा, नैनीताल, चना, आदि के चित्र।
  • ताल वाद्यताली, ढपली या मेज़ ताल देने के लिए।

 

7. 21वीं सदी के कौशल / मूल्य / शिक्षा / व्यावसायिक कौशल

  • संचार कौशलकविता को स्पष्ट और लय में बोलना।
  • रचनात्मकताकविता पर आधारित चित्र बनाना और अभिनय करना।
  • सहयोग कौशलसमूह में कविता प्रस्तुति देना।
  • भावनात्मक समझकविता में छिपे आनंद और कल्पना को समझना।
  • शारीरिक समन्वयचाल, ताल और गति का सामंजस्य।

 

8. विस्तार / वास्तविक जीवन में अनुप्रयोग (Extension / Real-life Application)

  • ताल-लय पकड़ने की कला को नृत्य और संगीत में उपयोग करना।
  • घोड़े जैसे जानवरों के प्रति संवेदना और समझ विकसित करना।
  • कविता के भाव को नाटक, गीत या कहानी में बदलना।
  • ध्वनि पहचान से वाचन कौशल में सुधार लाना।
  • ताल के माध्यम से गणना और गणितीय लय को समझना।

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पाठ योजना

पाठ 8 - खतरे में साँप”

1. संकल्पना (Concept)

  • खतरे की स्थिति में उचित निर्णय लेने का महत्त्व।
  • जानवरों के व्यवहार व उनकी प्रतिक्रियाएँ।
  • समूह चर्चा और सुझाव का मूल्य।
  • मुहावरों का अर्थ और प्रयोग।
  • डर और साहस की भावना को समझना।

 

2. सीखने के परिणाम (Learning Outcomes)

  • छात्र कहानी को ध्यानपूर्वक सुनते हैं और मुख्य बिंदु बताते हैं।
  • छात्र ‘सिर पर पैर रखकर भागना’ जैसे मुहावरे का अर्थ समझते हैं।
  • छात्र बातचीत में अपने विचार स्पष्ट रूप से रखते हैं।
  • छात्र कहानी के पात्रों की भूमिका को समझते हैं।
  • छात्र अपनी कल्पनाओं से मिलती-जुलती घटनाएँ साझा करते हैं।

 

3. शैक्षणिक रणनीतियाँ (Pedagogical Strategies)

  • गतिविधि आधारित शिक्षणजानवरों की भूमिका निभाकर दृश्य प्रस्तुत करना।
  • दृश्य शिक्षणचित्रों की सहायता से कहानी की घटनाओं को समझाना।
  • कहानी कथन विधिशिक्षिका कहानी को नाटकीय ढंग से सुनाती हैं।
  • मुहावरा चर्चा – ‘सिर पर पैर रखकर भागना’ पर चर्चा।
  • समूह चर्चायदि आप साँप की जगह होते तो क्या करते?
  • रंग भरो गतिविधिसाँप से जुड़ी आकृति को रंगना।
  • नैतिक चर्चाडर से कैसे निपटें, इस पर विचार-विमर्श।

 

4. अन्य विषयों के साथ एकीकरण (Integration with Other Subjects)

  • पर्यावरण अध्ययनजानवरों की पहचान व उनके व्यवहार।
  • कला व क्राफ्टसाँप का चित्र बनाना व रंगना।
  • हिंदी व्याकरणमुहावरों का अर्थ और प्रयोग।
  • नैतिक शिक्षासमूह में सलाह का महत्त्व।
  • थिएटर/नाट्य कलाकहानी का अभिनय करना।

 

5. मूल्यांकन (Assessment)

मौखिक:

  • कहानी से संबंधित प्रश्न पूछना (जैसे – साँप वहीं क्यों बैठा रहा?)
    लिखित:
  • 'सिर पर पैर रखकर भागना' का अर्थ लिखना।
  • साँप को क्या सलाह देंगे – दो वाक्य लिखो।
    व्यवहारिक:
  • समूह चर्चा में भागीदारी।
    सभी स्तरों के लिए:
  • चित्र पहचानना, अभिनय में भाग लेना, अपनी बात कहना।

 

6. संसाधन (Resources)

  • चित्र सामग्रीजंगल, साँप व अन्य जानवरों के चित्र।
  • ऑडियो क्लिपकहानी की रिकॉर्डिंग।
  • प्रोजेक्टर/टीवीकहानी आधारित एनिमेशन वीडियो।
  • रंग भरने की वर्कशीटसाँप का चित्र।
  • चार्ट पेपर व रंगीन पेंसिलेंरचनात्मक गतिविधियों हेतु।

 

7. 21वीं सदी के कौशल / मूल्य / शिक्षा / व्यावसायिक कौशल

  • समस्या समाधान कौशलकौन-सी सलाह सही है?
  • निर्णय क्षमताडर के समय निर्णय लेना।
  • संचार कौशलअपने विचार स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करना।
  • नैतिक मूल्यसाहस और एकता।
  • सृजनात्मकताकहानी का अंत स्वयं बनाना।

 

8. विस्तार / वास्तविक जीवन में अनुप्रयोग (Extension / Real-Life Application)

  • डर की स्थिति में क्या करना चाहिए – अनुभव साझा करना।
  • सलाह लेने-देने के तरीके सीखना।
  • कहानी सुनने-सुनाने की आदत विकसित करना।
  • चित्रों से सीखना और समझना।
  • मुहावरों का प्रयोग दैनिक जीवन में पहचानना।

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पाठ योजना

पाठ 9 - "आलू की सड़क"

1. संकल्पना (Concept)

  • कहानी के माध्यम से ध्वनि पर आधारित शब्दों की पहचान
  • जानवरों के व्यवहार व संवाद की समझ
  • श्रवण कौशल का विकास
  • अनुक्रमण का ज्ञान (घटनाओं का क्रम)
  • भाषा के नए शब्दों से परिचय

 

2. सीखने के परिणाम (Learning Outcomes)

  • बच्चे कहानी को सुनते हैं और अपनी भाषा में दोबारा बताते हैं।
  • बच्चे ध्वनि शब्दों को पहचानते और उनका प्रयोग करते हैं।
  • बच्चे चित्र देखकर शब्दों से उन्हें जोड़ते हैं।
  • बच्चे बातचीत में अपने विचार व्यक्त करते हैं।
  • बच्चे ‘ब’ और ‘भ’ से शुरू होने वाले शब्दों की पहचान करते हैं।

 

3. शैक्षणिक रणनीतियाँ (Pedagogical Strategies)

  • कहानी वाचनशिक्षक कहानी को रोचक स्वर में पढ़कर सुनाते हैं।
  • चित्र आधारित गतिविधिकहानी के चित्रों को दिखाकर अनुक्रमण सिखाना।
  • ध्वनि पहचान खेलटप-टप, धप-धप जैसी ध्वनियों को पहचानना और उनकी नकल करना।
  • शब्दों का खेल – ‘भालू’, ‘बंदर’, ‘आलू’ जैसे शब्दों को जोड़ने का खेल।
  • रोल प्लेबच्चे भालू या बंदर बनकर कहानी अभिनय करते हैं।
  • सामूहिक चर्चाकहानी के आधार पर प्रश्नोत्तर करना।
  • चित्र से शब्द मिलानाचित्रों को देखकर शब्द जोड़ना।

 

4. अन्य विषयों के साथ एकीकरण (Integration with Other Subjects)

  • पर्यावरण अध्ययनजानवरों, पेड़-पौधों और ध्वनियों से परिचय।
  • कलाआलू या भालू का चित्र बनाना व रंग भरना।
  • गणितआलुओं की गिनती करना।
  • शारीरिक शिक्षाभालू की तरह चलने या बंदर की तरह कूदने का अभ्यास।
  • संगीतध्वनि शब्दों को गाने की शैली में गाना।

 

5. मूल्यांकन (Assessment)

  • मौखिककहानी से प्रश्न पूछना (जैसे – बंदर कहाँ बैठा था?)
  • लिखितरिक्त स्थान भरना जैसे – भालू के बोरे में ____ थे।
  • व्यवहारिकबच्चों की सहभागिता, कहानी में रुचि और उत्तर देने की तत्परता।
  • चित्र मूल्यांकनबच्चों द्वारा बनाए गए चित्रों को देखना।
  • सभी स्तरों के लिएधीमे सीखने वालों के लिए चित्र पहचान, तीव्र सीखने वालों के लिए कहानी का विस्तार।

 

6. संसाधन (Resources)

  • चित्र कार्डभालू, बंदर, आलू, पेड़ आदि के चित्र।
  • फ्लैश कार्डध्वनि वाले शब्दों के कार्ड (टप-टप, धप-धप)।
  • ICT संसाधनकहानी का ऑडियो सुनवाना या एनिमेटेड वीडियो दिखाना।
  • वस्तुएँबोरी, आलू, खिलौना भालू आदि।
  • कहानी-पुस्तिका – ‘आलू की सड़क’ का प्रिंट आउट।

 

7. 21वीं सदी के कौशल / मूल्य / शिक्षा / व्यावसायिक कौशल

  • सुनने की दक्षताश्रवण और समझ बढ़ती है।
  • सृजनात्मकताबच्चे अपनी कहानी गढ़ते हैं।
  • टीमवर्कसमूह में काम करते हैं।
  • सांस्कृतिक समझपारिवारिक संबंध (नानी के घर जाना) को समझना।
  • भाषाई कौशलनई शब्दावली सीखना और बोलना।

 

8. विस्तार / वास्तविक जीवन में अनुप्रयोग (Extension / Real-Life Application)

  • कहानी सुनकर ध्वनियाँ पहचाननाजैसे बर्तन गिरने की आवाज, पानी टपकने की आवाज।
  • यात्रा अनुभव साझा करनाबच्चे अपनी यात्रा अनुभवों को साझा करते हैं।
  • घर पर कहानी सुनानामाता-पिता को कहानी सुनाना।
  • आस-पास की आवाज़ें सुनना और पहचाननाजैसे कुत्ते की भौंक, घंटी की टन-टन।
  • सृजनात्मक लेखनयदि बोरे में छेद नहीं होता तो क्या होता – इस पर अपनी कहानी लिखना।

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पाठ योजना

पाठ 10 -“झूलम-झूली”

1. संकल्पना (Concept)

  • बच्चों को पारंपरिक खेलों से परिचित कराना
  • ध्वन्यात्मक शब्दों (‘झूलम-झूली’, ‘छुपम-छुपाई’) से अवगत कराना
  • कविता के माध्यम से शारीरिक गतिविधियों की महत्ता समझाना
  • खेलों के ज़रिए भाषा को सहज रूप से सिखाना
  • कविता के भावों से जुड़ाव बढ़ाना

 

2. सीखने के परिणाम (Learning Outcomes)  

  • बच्चे कविता को सही लय में सुनते और दोहराते हैं।
  • बच्चे खेलों के नाम पहचानते हैं और उनके बारे में बोलते हैं।
  • बच्चे ‘उ’ और ‘ऊ’ की मात्रा के शब्दों को पहचानते हैं।
  • बच्चे कविता में आए क्रियात्मक शब्दों को समझते हैं।
  • बच्चे कविता के खेलों को अभिनय द्वारा प्रदर्शित करते हैं।

 

3. शैक्षणिक रणनीतियाँ (Pedagogical Strategies)

  • कविता गायनशिक्षिका द्वारा कविता का सस्वर पाठ और दोहराव।
  • ध्वनि-अभ्यास – ‘झूलम-झूली’, ‘छुपम-छुपाई’ जैसे शब्दों को बोलने का अभ्यास।
  • चित्र वाचनखेलों से संबंधित चित्रों पर चर्चा।
  • शब्द जोड़ो खेल – ‘उ’ और ‘ऊ’ की मात्रा से नए शब्द बनाना।
  • रोल प्लेकविता के खेलों का अभिनय करना।
  • बाल संवादकविता के अनुसार ‘आपको कौन सा खेल पसंद है?’ पर चर्चा।
  • ICT गतिविधिकविता का ऑडियो सुनवाना या एनिमेटेड वीडियो दिखाना।

 

4. अन्य विषयों के साथ एकीकरण (Integration with Other Subjects)

  • पर्यावरण अध्ययनमिट्टी में बीज बोना, पेड़ों पर चढ़ना जैसे क्रियाकलाप।
  • कलाकविता के दृश्य बनाना या रंग भरना।
  • संगीतकविता को संगीत में ढालकर प्रस्तुत करना।
  • शारीरिक शिक्षाकविता में बताए गए खेलों को खेलना।
  • भाषानए शब्द सीखकर वाक्य बनाना।

 

5. मूल्यांकन (Assessment)

  • मौखिक मूल्यांकनबच्चों से कविता के अंश बुलवाना और अर्थ समझाना।
  • लिखित मूल्यांकन – ‘उ’ और ‘ऊ’ से शब्द लिखवाना।
  • व्यवहारात्मक मूल्यांकनअभिनय व खेल में सहभागिता देखना।
  • चित्र आधारित मूल्यांकनचित्र पहचान कर सही खेल का नाम बताना।
  • सभी स्तर के बच्चों के लिएसरल प्रश्नों से लेकर चित्र बनवाने तक गतिविधियाँ देना।

 

6. संसाधन (Resources)

  • कविता की पुस्तक और चार्ट
  • खेलों के चित्र, रंगीन कार्ड
  • ध्वनि रिकॉर्डिंग / कविता का ऑडियो
  • स्मार्ट क्लास / प्रोजेक्टर
  • रंगीन चाक / स्लेट / फ्लैशकार्ड्स

 

7. 21वीं सदी के कौशल / मूल्य / शिक्षा / व्यावसायिक कौशल

  • रचनात्मकताबच्चों द्वारा चित्र बनाना और अभिनय करना।
  • संचार कौशलकविता को भावपूर्ण ढंग से बोलना।
  • टीमवर्कसामूहिक खेलों में भागीदारी।
  • मूल्य शिक्षासहयोग, अनुशासन और खेल भावना।
  • आत्म-अभिव्यक्तिपसंदीदा खेल के बारे में बोलना।

 

8. विस्तार / वास्तविक जीवन में अनुप्रयोग (Extension / Real-life Application)

  • बच्चे अपने घरों में पारंपरिक खेल खेलते हैं।
  • बच्चे कविता के खेलों को विद्यालय में दोहराते हैं।
  • बच्चे कविता में आए शब्दों का प्रयोग दैनिक जीवन में करते हैं।
  • बच्चे अपने भाई-बहनों के साथ कविता गाकर खेलते हैं।
  • बच्चे कविता की लय पर नृत्य और अभिनय करते हैं।

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पाठ योजना

पाठ 11 - भुट्टे

1. संकल्पना (Concept)

  • भुट्टे से संबंधित क्रियाएं: उबालना, भूनना, खाना
  • खानपान की विभिन्न विधियाँ
  • पारिवारिक संबंध – नाना, नानी, नीना
  • कल्पना द्वारा कहानी आगे बढ़ाना
  • उ’ और ‘ऊ’ की मात्रा का ज्ञान

 

2. सीखने के परिणाम (Learning Outcomes)

  • बच्चे भुट्टे से जुड़ी क्रियाओं को समझते हैं और पहचानते हैं।
  • बच्चे कहानी के पात्रों को पहचानते हैं।
  • बच्चे ‘उ’ और ‘ऊ’ की मात्रा वाले शब्दों को बोल और लिख पाते हैं।
  • बच्चे खाने की वस्तुओं का वर्गीकरण कर पाते हैं (उबली, भूनी, कच्ची)।
  • बच्चे कहानी को कल्पना के साथ आगे बढ़ाते हैं और बोलते हैं।

 

3. शैक्षणिक रणनीतियाँ (Pedagogical Strategies)

  • कहानी वाचनभावपूर्ण तरीके से "भुट्टे" कहानी पढ़ना।
  • चित्र चर्चाभुट्टा, नीना, नाना-नानी के चित्र दिखाकर बातचीत।
  • भोजन की चर्चाउबला, भूना, तला, कच्चा – खाद्य पदार्थों का वर्गीकरण।
  • मात्रा अभ्यास – ‘उ’ और ‘ऊ’ से शब्दों का बनाना व बोलना।
  • रोल-प्लेनाना-नानी-नीना बनकर छोटी नाट्य प्रस्तुति।
  • कहानी विस्तार – "नीना ने फिर क्या किया?" – बच्चों से कहानी पूरी करवाना।
  • ICT उपयोगभुट्टे से जुड़ी एनिमेटेड कहानी या वीडियो दिखाना।

 

4. अन्य विषयों के साथ एकीकरण (Integration with Other Subjects)

  • पर्यावरण अध्ययनभुट्टा किससे बनता है? खेत में कैसे उगता है?
  • कलाभुट्टे का चित्र बनाना व रंग भरना।
  • गणितभुट्टों की गिनती करना, छोटे-बड़े आकार की पहचान।
  • स्वास्थ्य शिक्षाउबली चीजें क्यों स्वास्थ्यवर्धक होती हैं?
  • भाषानए शब्दों का प्रयोग कर कहानी सुनाना।

 

5. मूल्यांकन (Assessment)

  • मौखिक मूल्यांकनकहानी के पात्र कौन हैं? कौन भुट्टे लाया?
  • लिखित मूल्यांकन – ‘उ’ और ‘ऊ’ मात्रा वाले शब्द लिखवाना।
  • व्यवहारात्मक मूल्यांकनकहानी को अभिनय में प्रस्तुत करना।
  • चित्र आधारित मूल्यांकनभुट्टे से जुड़ी वस्तुओं की पहचान कराना।
  • सभी स्तर के छात्रों हेतुसरल प्रश्न, चित्र बनवाना, कहानी सुनाना।

 

6. संसाधन (Resources)

  • कहानी पुस्तक और चार्ट
  • भुट्टे का चित्र या असली भुट्टा
  • फ्लैशकार्ड्स – ‘उ’ और ‘ऊ’ मात्रा वाले शब्दों के
  • स्मार्ट टीवी/प्रोजेक्टर पर वीडियो
  • रंगीन चित्र और स्लेट/चॉक

 

7. 21वीं सदी के कौशल / मूल्य / शिक्षा / व्यावसायिक कौशल

  • संचार कौशलकहानी को सुनाना और विचार साझा करना।
  • रचनात्मकताकहानी में नया पात्र जोड़ना या अंत बदलना।
  • समस्या समाधानभुट्टा जल जाए तो क्या करें?
  • टीमवर्कसमूह में कहानी बनाना।
  • आत्म-अभिव्यक्तिअपने घर में क्या खाना पसंद है, बताना।

 

8. विस्तार / वास्तविक जीवन में अनुप्रयोग (Extension / Real-life Application)

  • बच्चे घर पर उबली या भूनी चीजों की पहचान करते हैं।
  • बच्चे भुट्टे जैसी अन्य चीजों पर भी कहानी बना सकते हैं।
  • बच्चे अपनी दादी/नानी से रसोई में भोजन पकाने की विधियाँ सीखते हैं।
  • बच्चे बाजार में भुट्टा देखकर कहानी को याद करते हैं।
  • बच्चे कहानी में आए शब्दों का दैनिक प्रयोग करते हैं।

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 पाठ योजना

पाठ 12 - "फूली रोटी"

1. संकल्पना (Concept)

  • रोटी बनाने की प्रक्रिया को समझना।
  • माँ और बच्चे के बीच सहयोग और सीखने की भावना।
  • प्रयास, समाधान और रचनात्मकता का महत्व।
  • घरेलू कार्यों में भागीदारी के प्रति बच्चों में रुचि उत्पन्न करना।
  • कहानी के माध्यम से भाषा, भाव और व्यवहार की समझ विकसित करना।

 

2. सीखने के परिणाम (Learning Outcomes)

  • विद्यार्थी कहानी को ध्यानपूर्वक सुनते और समझते हैं।
  • रोटी बनाने की प्रक्रिया को चरणबद्ध रूप में बताते हैं।
  • गोल रोटी बनाने के लिए सुझाए गए उपाय साझा करते हैं।
  • 'फूली रोटी' कविता को भाव के साथ पढ़ते हैं।
  • शब्दों और अक्षरों की पहचान करके उन्हें सही क्रम में प्रयोग करते हैं।

 

3. शैक्षणिक रणनीतियाँ (Pedagogical Strategies)

  • कहानी सुनाना – "फूली रोटी" की कहानी को रोचक शैली में सुनाना।
  • चित्र वार्तारोटी, आटा, कटोरी आदि के चित्र दिखाकर बातचीत कराना।
  • भूमिका-निर्वाहएक बच्चा माँ और एक जमाल बनकर अभिनय करें।
  • व्यवहारिक गतिविधिआटे की लोई से आकृति बनाना या बेलने का प्रयास (प्रायोगिक)।
  • सामूहिक चर्चागोल रोटी न बनने पर क्या करें? इस पर विचार साझा करना।
  • कविता गायन – 'फूली रोटी' कविता को सुर में गवाना और अभिनय के साथ प्रस्तुत करना।
  • शब्द पहचान और वर्गीकरण – 'रोटी', 'फूली', 'कटोरी' जैसे शब्दों से अन्य शब्द बनवाना।

 

4. अन्य विषयों के साथ एकीकरण (Integration with Other Subjects)

  • पर्यावरण अध्ययन (EVS)रसोई, खाना बनाना, साफ-सफाई की चर्चा।
  • गणितरोटी की आकृति (गोल), आकार और संख्या की पहचान।
  • कलारोटी, कटोरी आदि का चित्र बनवाना और रंग भरवाना।
  • कार्य शिक्षाचाट बनाना या रसोईघर की वस्तुएँ पहचानना।
  • संगीतकविता को सुर के साथ गवाना।

 

5. मूल्यांकन (Assessment)

  • मौखिककहानी से प्रश्न पूछकर उत्तर सुनना।
  • लिखितरेखांकन, शब्द जोड़ो, रिक्त स्थान भरो।
  • व्यवहारिकबेलने की कोशिश या अभिनय के माध्यम से प्रस्तुति।
  • नैतिक/व्यवहारिकसहयोग, प्रयास, स्वच्छता जैसे मूल्यों की पहचान।
  • सभी स्तर के छात्रों हेतुसरल प्रश्नों से लेकर गतिविधि आधारित मूल्यांकन।

 

6. संसाधन (Resources)

  • चित्रआटा, रोटी, कटोरी, तवा, माँ-बच्चा के चित्र।
  • कविता ऑडियो/वीडियो – 'फूली रोटी' कविता की रिकॉर्डिंग।
  • ICT – PPT/slideshow, कहानी एनिमेशन वीडियो।
  • वास्तविक वस्तुएँआटा, कटोरी, बेलन, तवा आदि।
  • वर्कशीट्सशब्द जोड़ो, मिलान करो, चित्र पहचान आदि।

 

7. 21वीं सदी के कौशल / मूल्य / शिक्षा / व्यावसायिक कौशल

  • समस्या समाधानगोल रोटी न बनने पर उपाय खोजना।
  • रचनात्मकताकविता का अभिनय और चित्र बनाना।
  • संचार कौशलसमूह में विचार साझा करना।
  • सहयोग और सह-अस्तित्वमाँ-बेटे के रिश्ते से सीखना।
  • व्यावहारिक जीवन ज्ञानरोटी बनाना, रसोई का कार्य समझना।

 

8. विस्तार / वास्तविक जीवन में अनुप्रयोग (Extension / Real-life Application)

  • घर में रोटी बनाने के प्रयास को बढ़ावा देना।
  • रसोई के कार्यों में भागीदारी करना।
  • माता-पिता के साथ सहयोग की भावना विकसित करना।
  • कहानियों से व्यवहारिक शिक्षा लेना।
  • भाषा और कविता के माध्यम से आत्मविश्वास बढ़ाना।

 

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पाठ योजना

पाठ 13 -  मेला

 

1. संकल्पना | Concept

  • मेलों की रंगीनता और आकर्षण
  • सामूहिक अनुभव और उत्सव का आनंद
  • मेला स्थल की विविधता
  • बच्चों का मेलों में अनुभव
  • कविता के माध्यम से दृश्य चित्रण

 

2. सीखने के परिणाम | Learning Outcomes

  • विद्यार्थी मेला शब्द से संबंधित अनुभव साझा करते हैं।
  • चित्रों के आधार पर वस्तुओं की पहचान करते हैं।
  • कविता में आए शब्दों का उच्चारण स्पष्ट करते हैं।
  • शब्दों की जोड़ी पहचान कर लिखते हैं।
  • अक्षरों की ध्वनि को समझते हैं और नए शब्द बनाते हैं।

 

3. शैक्षणिक रणनीतियाँ | Pedagogical Strategies

  • चित्र चर्चामेले के चित्रों को दिखाकर बच्चों से सवाल पूछना।
  • कहानी विधि – "मेला घूमने" की छोटी कहानी सुनाकर बच्चों की रुचि बढ़ाना।
  • गतिविधि आधारित शिक्षामेला संबंधित चीजों के चित्र मिलाना, छांटना।
  • सांझा अनुभवबच्चों को अपने अनुभव कक्षा में साझा करने देना।
  • सांझा पठनकविता को समूह में पढ़वाना और दोहरवाना।
  • शब्द खेलमेला, ठेला जैसे शब्दों से और शब्द बनाना।
  • चित्र बनाओ और बताओबच्चे अपने कल्पनात्मक मेले का चित्र बनाएं और समझाएं।

 

4. अन्य विषयों से एकीकरण | Integration with Other Subjects

  • पर्यावरण अध्ययनस्थानीय मेलों की जानकारी।
  • कला शिक्षातोरण बनाना, चित्र बनाना।
  • गणितमेले में खर्च होने वाले पैसों की गणना।
  • संगीतमेले से जुड़ी लोक धुनें गाना।
  • व्यक्तिगत सामाजिक अध्ययनसमूह में व्यवहार, धैर्यपूर्वक सुनना।

 

5. मूल्यांकन | Assessment

  • मौखिककविता की पंक्तियाँ बोलना, मेला अनुभव बताना।
  • लिखितचित्र देखकर प्रश्नों के उत्तर लिखना।
  • व्यवहारिकसमूह में काम करने की क्षमता देखना।
  • शुरुआती स्तरअक्षरों की पहचान और बोलना।
  • मध्यम स्तरदोहे की पंक्तियाँ पहचानना और दोहराना।
  • उच्च स्तरनए शब्दों की रचना और भाव स्पष्ट करना।

 

6. संसाधन | Resources

  • मेला स्थल के चित्र
  • कविता की ऑडियो क्लिप
  • प्रोजेक्टर/टीवी (ICT माध्यम)
  • रंगीन कागज, चिपकाने की सामग्री
  • शब्द कार्ड (मेले, ठेले, खिलौने, चाट आदि के)

 

7. 21वीं सदी के कौशल / मूल्य / शिक्षा / व्यावसायिक कौशल

  • संवाद कौशल
  • सृजनात्मकता और कल्पना
  • सहानुभूति और सहयोग
  • सामूहिक कार्य दक्षता
  • स्थानीय संस्कृति की पहचान

 

8. विस्तार / वास्तविक जीवन में अनुप्रयोग | Extension / Real-Life Application

  • स्थानीय मेले में जाकर अनुभव साझा करना
  • मेला विषयक कहानी लेखन
  • अपने घर के पास लगने वाले मेले की जानकारी देना
  • मेले का चित्र बनाना और समझाना
  • मेला घूमने के लिए आवश्यक नियम और सावधानियाँ जानना

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 पाठ योजना

पाठ 14 - बरखा और मेला

 

1. संकल्पना | Concept

  • दो मित्रों की साहसिक यात्रा
  • एकता और सहयोग की भावना
  • मेला देखने का उत्साह
  • नदी पार करने की कल्पनाशीलता
  • बच्चों की चंचलता और संवाद शैली

 

2. सीखने के परिणाम | Learning Outcomes

  • विद्यार्थी कहानी के पात्रों की पहचान करते हैं।
  • कहानी के मुख्य बिंदुओं को क्रम में बताते हैं।
  • नदी पार करने की कल्पना से संबंधित विचार साझा करते हैं।
  • मेले से जुड़े अपने अनुभवों को व्यक्त करते हैं।
  • कहानी से मिलने वाले नैतिक संदेश को समझते हैं।

 

3. शैक्षणिक रणनीतियाँ | Pedagogical Strategies

  • चित्र आधारित चर्चामघा, बिखा और मेले के चित्रों से कहानी का परिचय देना।
  • कहानी वाचनअध्यापक द्वारा भावपूर्ण ढंग से कहानी सुनाना।
  • भूमिका-निर्माण (Role Play)बच्चों से मघा, बिखा और बच्चों की भूमिकाएं करवाना।
  • सृजनात्मक लेखन – "अगर मैं मेला देखने जाऊं तो…" पर अनुच्छेद लेखन।
  • प्रश्नोत्तर विधिपाठ के बाद मौखिक प्रश्न पूछना।
  • दृश्य सामग्रियों का प्रयोगनदी, मेला आदि की PPT या विडियो क्लिप दिखाना (ICT)
  • खेल विधिकहानी से संबंधित संवादों को जोड़ने का खेल करवाना।

 

4. अन्य विषयों से एकीकरण | Integration with Other Subjects

  • पर्यावरण अध्ययननदी, बत्तख, मेंढक जैसे जलजीवों की जानकारी।
  • कला और चित्रकलामेला स्थल और नदी पार करते चित्र बनवाना।
  • गणितबच्चों की गिनती, तुलना (3+3=6)
  • सामाजिक अध्ययनसहकार्य और मिलजुलकर काम करना।
  • भाषासंवाद लेखन और भूमिका अदा करना।

 

5. मूल्यांकन | Assessment

  • मौखिकपात्रों के नाम बताना, कहानी सुनाना।
  • लिखितप्रश्नोत्तर, रिक्त स्थान भरना, संवाद लेखन।
  • व्यवहारिकसहपाठी के साथ समूह में कार्य करना।
  • शुरुआती स्तरचित्र देखकर पहचान करना।
  • उच्च स्तरकहानी से सीख बताना और कल्पनाशील उत्तर देना।

 

6. संसाधन | Resources

  • कहानी से संबंधित चित्र
  • ऑडियो क्लिप (कहानी वाचन)
  • PPT या विडियो (नदी पार करना, मेला दृश्य)
  • शब्द कार्ड (बत्तख, मेंढक, नाव, मेला आदि)
  • रंगीन कागज, ड्राइंग शीट, रंग

 

7. 21वीं सदी के कौशल / मूल्य / शिक्षा / व्यावसायिक कौशल

  • समस्या समाधान की क्षमता
  • कल्पनाशीलता और रचनात्मकता
  • सहानुभूति और सहयोग
  • संवाद कौशल और आत्मविश्वास
  • स्थानीय अनुभवों से सीखना

 

8. विस्तार / वास्तविक जीवन में अनुप्रयोग | Extension / Real-Life Application

  • मेला देखने के अनुभवों को चित्रों और शब्दों में व्यक्त करना।
  • नदी या पुल पार करने के अनुभव साझा करना।
  • सहपाठी की मदद करने के उदाहरण देना।
  • "अगर मैं बिखा की जगह होता/होती..." पर विचार लिखना।
  • पाठ से मिली सीख को दैनिक जीवन में अपनाना।

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 पाठ योजना

पाठ 15 -  होली

 

1. संकल्पना | Concept

  • होली का त्योहार और उसका उल्लास
  • मिल-जुलकर खुशियाँ बाँटना
  • रंगों का महत्त्व
  • आपसी प्रेम और भाईचारे का संदेश
  • भारतीय संस्कृति की झलक

 

2. सीखने के परिणाम | Learning Outcomes

  • विद्यार्थी कविता को लयपूर्वक पढ़ते हैं।
  • कविता में उल्लिखित त्योहार, वस्तुएं और क्रियाएं पहचानते हैं।
  • रंगों के नाम और त्योहार से जुड़ी वस्तुओं को पहचानते हैं।
  • कविता से प्राप्त संदेश को साझा करते हैं।
  • अपने अनुभवों के आधार पर होली के बारे में बताते हैं।

 

3. शैक्षणिक रणनीतियाँ | Pedagogical Strategies

  • कविता पाठशिक्षक द्वारा भाव और लय के साथ कविता का वाचन।
  • चित्र चर्चारंग, पिचकारी, पकवान आदि के चित्र दिखाकर चर्चा करना।
  • भूमिका-निर्माणबच्चे रंग खेलते, पकवान बाँटते हुए अभिनय करें।
  • कला गतिविधि – "होली का दृश्य" ड्राइंग बनवाना व रंग भरवाना।
  • शब्दों का खेलकविता में आए शब्दों से तुकांत शब्दों का मिलान कराना।
  • रचनात्मक लेखन – "मेरी होली कैसे बीती" पर दो वाक्य लिखवाना।
  • ICT का उपयोगहोली पर छोटा सा वीडियो दिखाना (त्योहार की झलक)।

 

4. अन्य विषयों के साथ एकीकरण | Integration with Other Subjects

  • पर्यावरण अध्ययनरंग प्राकृतिक हों, पानी की बचत का संदेश।
  • चित्रकलाहोली के दृश्य बनाना, रंगों का चयन।
  • गणितरंगों की गिनती, पकवानों की संख्या बताना।
  • सामाजिक अध्ययनत्योहारों की विविधता और एकता।
  • नैतिक शिक्षासबको गले लगाना, सभी को साथ लेकर चलना।

 

5. मूल्यांकन | Assessment

  • मौखिककविता से शब्दों की पहचान, प्रश्नोत्तर।
  • लिखितरिक्त स्थान भरो, सही शब्द चुनो, शब्दों का मिलान।
  • व्यवहारिकसमूह में मिलकर काम करना, दूसरों की मदद करना।
  • प्रारंभिक स्तरचित्रों से पहचान कराना।
  • उच्च स्तरकविता का सारांश बताना और त्योहार से सीखी बातें साझा करना।

 

6. संसाधन | Resources

  • कविता पोस्टर
  • रंगीन चित्र (पिचकारी, पकवान, रंग, ढोल)
  • स्मार्ट टीवी / लैपटॉप (होली का वीडियो दिखाने हेतु)
  • रंग, पेपर, ड्राइंग शीट
  • शब्द कार्ड (मीठा, गिला, ढोल, पकवान आदि)

 

7. 21वीं सदी के कौशल / मूल्य / शिक्षा / व्यावसायिक कौशल

  • संवाद कौशल
  • सहयोग भावना
  • रचनात्मकता (ड्राइंग, रंगों का प्रयोग)
  • सांस्कृतिक समझ
  • समावेशिता व सौहार्द

 

8. विस्तार / वास्तविक जीवन में अनुप्रयोग | Extension / Real-Life Application

  • होली खेलने के सुरक्षित और पर्यावरण हितैषी तरीके सीखना।
  • मिलकर रंग खेलना, दुश्मनी मिटाना।
  • परिवार में त्योहारों को मिल-जुलकर मनाना।
  • अन्य त्योहारों से होली की तुलना करना।
  • "मैंने इस बार होली कैसे मनाई?" पर दो वाक्य बोलना या लिखना।

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 पाठ योजना

पाठ 16 -  जन्मदिवस पर पेड़ लगाओ

 

1. संकल्पना | Concept

  • पर्यावरण संरक्षण का महत्व
  • पेड़-पौधों का जीवन में योगदान
  • जन्मदिवस पर एक नया और अच्छा कार्य करने की प्रेरणा
  • हरियाली और सुंदरता से समाज में खुशहाली
  • प्रकृति के प्रति कर्तव्य

 

2. सीखने के परिणाम | Learning Outcomes

  • बच्चे कविता को लय के साथ पढ़ते हैं।
  • कविता में आए शब्दों और भावों को समझते हैं।
  • पेड़-पौधों से होने वाले लाभों की पहचान करते हैं।
  • जन्मदिवस को सकारात्मक ढंग से मनाने की प्रेरणा लेते हैं।
  • अपने विचार कविता के माध्यम से व्यक्त करते हैं।

 

3. शैक्षणिक रणनीतियाँ | Pedagogical Strategies

  • कविता वाचनशिक्षक भावपूर्ण वाचन करें, बच्चे दोहराएं।
  • चित्र वार्तापेड़, पौधे, जन्मदिवस आदि से संबंधित चित्रों पर चर्चा।
  • भूमिका अभिनय – "मैं पेड़ हूँ" या "मेरा जन्मदिन" विषय पर नाट्य रूपांतरण।
  • कला गतिविधिबच्चों से पेड़ की आकृति बनवाना और रंग भरवाना।
  • शब्द खोज / शब्द मिलानकविता में आए नए शब्दों को खोजने की गतिविधि।
  • रचनात्मक लेखन – "अगर मैं पेड़ होता तो…" विषय पर दो वाक्य लिखवाना।
  • ICT प्रयोगवृक्षारोपण और हरियाली पर छोटा वीडियो दिखाना।

 

4. अन्य विषयों के साथ एकीकरण | Integration with Other Subjects

  • पर्यावरण अध्ययनपेड़ों के महत्व, स्वच्छता और हरियाली की चर्चा।
  • कलाचित्र बनाना और सजाना (पेड़, फूल, पौधे)।
  • गणितपेड़ों की गिनती, बीज बोने की संख्या आदि।
  • सामाजिक विज्ञानसामूहिक भलाई के कार्यों की चर्चा।
  • नैतिक शिक्षाप्रकृति के प्रति जिम्मेदारी और सेवा भावना।

 

5. मूल्यांकन | Assessment

  • मौखिककविता की पंक्तियाँ सुनाना, प्रश्नोत्तर।
  • लिखितरिक्त स्थान भरना, शब्द मिलान गतिविधि।
  • व्यवहारिकटीमवर्क, चित्रों में रंग भरना, पेड़ लगाना।
  • प्रारंभिक स्तर के लिएचित्रों को पहचानना व नाम बताना।
  • उच्च स्तर के लिएकविता का सारांश समझाकर बोलना।

 

6. संसाधन | Resources

  • कविता का चार्ट
  • पेड़ों के चित्र / फ्लैशकार्ड
  • रंग, पेंसिल, कागज
  • स्मार्ट टीवी / मोबाइल (वीडियो प्रदर्शन हेतु)
  • शब्द कार्ड (बीज, पौधा, हरियाली, जल आदि)

 

7. 21वीं सदी के कौशल / मूल्य / शिक्षा / व्यावसायिक कौशल

  • पर्यावरणीय चेतना
  • रचनात्मक अभिव्यक्ति
  • समस्या समाधान और निर्णय क्षमता
  • सामाजिक और भावनात्मक जागरूकता
  • नैतिक मूल्यों की समझ

 

8. विस्तार / वास्तविक जीवन में अनुप्रयोग | Extension / Real-Life Application

  • बच्चों को जन्मदिन पर पौधा लगाने की प्रेरणा देना।
  • पेड़ों की देखभाल करना और दूसरों को भी प्रेरित करना।
  • घर या स्कूल में पौधारोपण अभियान चलाना।
  • पौधे की वृद्धि पर सप्ताह में एक बार अवलोकन करना।
  • "मैंने पेड़ क्यों लगाया?" पर चित्र और 2 पंक्तियाँ लिखवाना।

 

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 पाठ योजना

पाठ 17 - हवा

 

1. संकल्पना | Concept

  • हवा एक अदृश्य शक्ति है जो चारों ओर मौजूद है।
  • हवा की दिशा और गति को हम महसूस कर सकते हैं।
  • हवा के कारण वस्तुएं हिलती-डुलती हैं।
  • बच्चों की कल्पनाशक्ति और भाषा विकास को बढ़ावा देना।
  • कविता के माध्यम से प्रकृति के तत्वों को समझना।

 

2. सीखने के परिणाम | Learning Outcomes

  • बच्चे कविता को लय और भाव के साथ पढ़ते हैं।
  • कविता में आए शब्दों को समझते और पहचानते हैं।
  • हवा से जुड़ी गतिविधियों में रुचि लेते हैं।
  • दिशा संबंधी शब्दों (दाएं, बाएं, आगे, पीछे) को पहचानते हैं।
  • चित्र देखकर बोलने और लिखने का अभ्यास करते हैं।

 

3. शैक्षणिक रणनीतियाँ | Pedagogical Strategies

  • भावपूर्ण वाचनकविता को लय में पढ़कर भावों के साथ सुनाना।
  • चित्र चर्चाकविता से संबंधित चित्रों पर बच्चों से चर्चा करवाना।
  • हाथों का अनुभवपंखे, कागज़, रिबन आदि से हवा के प्रभाव को महसूस कराना।
  • कला गतिविधिबच्चों से फुग्गा बनवाना और सजाना।
  • भूमिका निभाना – "मैं हवा हूँ", "मैं फुग्गा हूँ" आदि पर अभिनय करवाना।
  • ICT का उपयोगहवा से संबंधित एनिमेशन या छोटा वीडियो दिखाना।
  • खेल आधारित गतिविधिदिशा संबंधित खेल (जैसे: आगे-पीछे दौड़) करवाना।

 

4. अन्य विषयों के साथ एकीकरण | Integration with Other Subjects

  • पर्यावरण अध्ययनहवा के गुण और उसका उपयोग।
  • कला और क्राफ्टफुग्गा, पवनचक्की आदि बनाना।
  • गणितदिशा (दायाँ-बायाँ) की पहचान।
  • भाषाशब्दावली बढ़ाना, वर्णमाला से शब्द बनाना।
  • खेलदिशा पर आधारित शारीरिक गतिविधियाँ।

 

5. मूल्यांकन | Assessment

  • मौखिककविता सुनाना, प्रश्नों का उत्तर देना।
  • लिखितशब्दों को रिक्त स्थान में भरना, चित्र पहचानना।
  • व्यवहारिकदिशा पहचान गतिविधि, चित्र बनाना।
  • प्रारंभिक स्तर के लिएहवा से चलने वाली वस्तुएं पहचानना।
  • उन्नत स्तर के लिए – "मैं हवा हूँ" विषय पर दो पंक्तियाँ लिखवाना।

 

6. संसाधन | Resources

  • कविता की किताब और चार्ट
  • पंखा, रिबन, कागज के टुकड़े
  • चित्र फ्लैशकार्ड
  • रंग भरने की सामग्री
  • ICT उपकरण: मोबाइल/प्रोजेक्टर/वीडियो क्लिप

 

7. 21वीं सदी के कौशल / मूल्य / शिक्षा / व्यावसायिक कौशल

  • पर्यावरण के प्रति जागरूकता
  • अभिव्यक्ति और संवाद क्षमता
  • सृजनात्मक सोच
  • समूह में कार्य करने की योग्यता
  • भावनात्मक समझ

 

8. विस्तार / वास्तविक जीवन में अनुप्रयोग | Extension / Real-Life Application

  • हवा से चलने वाली चीज़ों को घर में पहचानना।
  • बच्चों को हवा के महत्व के बारे में बताना।
  • दिशा शब्दों का उपयोग करते हुए घरेलू निर्देश देना।
  • बच्चों से पवनचक्की या पतंग बनवाना।
  • बाहर जाकर हवा का अनुभव कराना और उस पर चर्चा करना।

 

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पाठ योजना

पाठ 18 -  कितनी प्यारी है ये दुनिया

 

 

1. संकल्पना | Concept

  • यह कविता प्रकृति, परिवार और प्रिय वस्तुओं के प्रति बच्चों की भावनाओं को दर्शाती है।
  • कविता बच्चों में सौंदर्य बोध और कृतज्ञता की भावना को विकसित करती है।
  • बच्चे अपने अनुभव साझा करना सीखते हैं।
  • यह कविता भाषा कौशल और संवेदनात्मक विकास का माध्यम बनती है।
  • यह कविता बच्चों को सकारात्मक सोच सिखाती है।

 

2. सीखने के परिणाम | Learning Outcomes

  • बच्चे कविता को सही उच्चारण, लय और भाव के साथ पढ़ते हैं।
  • कविता में आए प्रिय वस्तुओं को पहचानते हैं।
  • बच्चे 'प्यारी' शब्द का सही प्रयोग करना सीखते हैं।
  • चित्र देखकर अपनी पसंद की चीज़ों के बारे में बोलते हैं।
  • अक्षरों '', '', '' की ध्वनि पहचानते और शब्द बना पाते हैं।

 

3. शैक्षणिक रणनीतियाँ | Pedagogical Strategies

  • भावपूर्वक वाचनकविता का लयात्मक और भावपूर्ण वाचन करना।
  • चित्र चर्चाबच्चों से चित्रों के आधार पर बातचीत करना।
  • अनुभव साझा करनाबच्चों से पूछना कि उन्हें क्या-क्या प्यारा लगता है।
  • कला गतिविधिबच्चों से अपनी प्रिय चीज़ों की ड्राइंग बनवाना।
  • रोल प्ले – "अगर तुम सूरज होते...", "अगर तुम फूल होते..." पर अभिनय।
  • ICT का उपयोगप्रकृति से संबंधित वीडियो और स्लाइड शो दिखाना।
  • शब्द खोज खेलप्यारी चीज़ों से जुड़े शब्द खोजने का खेल करवाना।

 

4. अन्य विषयों के साथ एकीकरण | Integration with Other Subjects

  • पर्यावरण अध्ययनपेड़-पौधे, जानवर, सूरज, बारिश जैसी प्रकृति की चीज़ों से जुड़ाव।
  • कला एवं क्राफ्टप्रिय वस्तुओं की चित्रकारी व कोलाज बनाना।
  • भाषावाचन, वर्ण-ध्वनि, शब्द निर्माण।
  • सामाजिक अध्ययनपरिवार के सदस्यों के प्रति भावनाएं।
  • संगीतकविता को संगीत के साथ गवाना।

 

5. मूल्यांकन | Assessment

  • मौखिक मूल्यांकनकविता सुनाना, अपनी पसंद की चीज़ों पर बोलना।
  • लिखित मूल्यांकनवाक्य पूरा करना: “मुझे प्यारे लगते हैं…”
  • व्यवहारिक मूल्यांकनचित्र बनाकर बताना कि क्या-क्या प्यारा लगता है।
  • प्रारंभिक स्तर के लिएचित्र पहचानना और शब्द बोलना।
  • उन्नत स्तर के लिएप्यारी चीज़ों पर दो वाक्य लिखना।

 

6. संसाधन | Resources

  • कविता पुस्तक और चार्ट
  • प्यारी चीज़ों के चित्र: फूल, पेड़, जानवर, सूरज आदि
  • रंग भरने की सामग्री
  • ICT संसाधन: प्रोजेक्टर/मोबाइल/ऑडियो-विज़ुअल सामग्री
  • वर्कशीट्स: रिक्त स्थान, शब्द खोज, चित्र पहचान

 

7. 21वीं सदी के कौशल / मूल्य / शिक्षा / व्यावसायिक कौशल

  • संवेदनशीलता और कृतज्ञता का विकास
  • रचनात्मकता और अभिव्यक्ति क्षमता
  • संवाद कौशल और आत्म-अभिव्यक्ति
  • पर्यावरण के प्रति प्रेम और सरंक्षण भावना
  • टीम वर्क और सहयोगात्मक गतिविधियाँ

 

8. विस्तार / वास्तविक जीवन में अनुप्रयोग | Extension / Real-Life Application

  • घर में परिजनों से पूछना कि उन्हें क्या प्यारा लगता है।
  • बच्चों से रोज़ की चीज़ों में सुंदरता पहचानना सिखाना।
  • प्रिय वस्तुओं को सहेजने और उनका ध्यान रखने की आदत।
  • बच्चों को प्रकृति के पास ले जाकर उसका अनुभव करवाना।
  • स्कूल में 'मेरी प्यारी चीज़' नाम से प्रदर्शन या गतिविधि कराना।

 

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 पाठ योजना

पाठ 19 -  चाँद का बच्चा

 

1. संकल्पना | Concept

  • चाँद और उसकी कल्पना से जुड़ी कविता।
  • कविता की पंक्तियों में छिपे भाव और तुकबंदी की पहचान।
  • बच्चों की कल्पनाशीलता और रचनात्मकता का विकास।
  • प्राकृतिक वस्तुओं के प्रति भावनात्मक जुड़ाव।
  • कविता के माध्यम से भाषा के सौंदर्य का अनुभव।

 

2. सीखने के परिणाम | Learning Outcomes

  • छात्र कविता की पंक्तियों को समझते हैं और उसका भाव पहचानते हैं।
  • छात्र कल्पना और यथार्थ के बीच अंतर करते हैं।
  • छात्र तुकांत शब्दों को पहचानते हैं और उदाहरण देते हैं।
  • छात्र कविता को सुनते और दोहराते हैं।
  • छात्र चाँद से संबंधित कल्पनात्मक चित्र बनाते हैं और विचार साझा करते हैं।

 

3. शैक्षणिक रणनीतियाँ | Pedagogical Strategies

  • कविता वाचनशिक्षक बच्चों को लयात्मक ढंग से कविता सुनाते हैं।
  • चित्रों की सहायता से चर्चाचाँद, तारे, आकाश आदि के चित्र दिखाकर बातचीत।
  • तुकांत शब्दों का खेलकविता से तुकांत शब्द खोजने का खेल।
  • रोल प्ले गतिविधिएक बच्चा “चाँद का बच्चा” बनकर अभिनय करता है।
  • कल्पनात्मक लेखन – “अगर मैं चाँद का बच्चा होता…” विषय पर 2–3 पंक्तियाँ लिखवाना।
  • समूह में कविता दोहरानाकविता को समूहों में दोहराकर याद कराना।
  • चित्र बनानाबच्चे चाँद और उसका बच्चा कैसा दिखता होगा, उसका चित्र बनाते हैं।

 

4. अन्य विषयों के साथ एकीकरण | Integration with Other Subjects

  • पर्यावरण अध्ययनआकाश, चाँद, तारे, रात का वातावरण।
  • चित्रकलाचाँद व कल्पना से जुड़ी आकृतियों का चित्रण।
  • संगीतकविता को सुर में गाना।
  • भाषातुकांत शब्दों का अभ्यास, कल्पनात्मक लेखन।
  • नैतिक शिक्षापरिवार के प्रति भावनात्मक जुड़ाव, ममता।

 

5. मूल्यांकन | Assessment

  • मौखिककविता की पंक्तियाँ बोलना, उसका भाव बताना।
  • लिखिततुकांत शब्दों की सूची बनाना, कल्पनात्मक उत्तर लिखना।
  • व्यवहारिकसमूह कार्य में सहभागिता, चित्र बनाने में रुचि।
  • सभी स्तरों के लिएसरल प्रश्न, चित्र आधारित कार्य, उच्च सोच वाले प्रश्न।
  • प्रदर्शन आधारितकविता को अभिनय द्वारा प्रस्तुत करना।

 

6. संसाधन | Resources

  • एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तक
  • चाँद, तारे, रात से संबंधित चित्र
  • फ्लैश कार्ड
  • कविता की ऑडियो क्लिप (ICT)
  • PPT या वीडियो क्लिप (यदि उपलब्ध हो)
  • चार्ट पेपर, रंगीन पेंसिल

 

7. 21वीं सदी के कौशल / मूल्य / शिक्षा / व्यावसायिक कौशल

  • रचनात्मकताकल्पनात्मक चित्र और लेखन।
  • संचार कौशलकविता को व्यक्त करना, भाव प्रकट करना।
  • सहयोगसमूह कार्य और साझा गतिविधियाँ।
  • आलोचनात्मक सोचचाँद और पृथ्वी से जुड़ी बातों में अंतर।
  • संवेदनशीलता और सौंदर्यबोधकविता की भावनाओं को समझना।

 

8. विस्तार / वास्तविक जीवन में अनुप्रयोग | Extension / Real-Life Application

  • चाँद की वास्तविक जानकारी खोजना और बताना।
  • चाँद पर कविताएँ और कहानियाँ सुनना या बनाना।
  • परिवार के सदस्यों के साथ कविता साझा करना।
  • आकाश को देखकर अपनी कल्पना व्यक्त करना।
  • चाँद के आकारों का अवलोकन करना (पूर्णिमा, अमावस्या आदि)।

 

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 Conclusion

"सारंगी" की रचनाएँ नन्हें विद्यार्थियों के भाव-जगत, भाषा कौशल और सामाजिक समझ को सशक्त करती हैं। यहाँ प्रस्तुत सभी पाठ योजनाएँ न केवल शिक्षकों के लिए उपयोगी संसाधन हैं, बल्कि कक्षा 1 के छात्रों के समग्र विकास को भी बढ़ावा देती हैं। ये योजनाएँ कक्षा में आनंद, सहभागिता और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करती हैं। आशा है कि ये आपको शिक्षण को प्रभावी बनाने में मदद करेंगी।

 

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