भगवान शिव के बारे में सामान्य जानकारी । Information about Lord Shiva | ब्रह्मा , विष्णु और शिव मे कौन बड़ा है। भगवान शिव से सम्बंधित जानकारी।


 भगवान शिव के बारे में सामान्य जानकारी :-


भगवान शिव, हिन्दू धर्म में त्रिमूर्ति (ब्रह्मा, विष्णु और शिव) के एक रूप के रूप में मान्यता प्राप्त करते हैं। शिव पुराणों, वेदों और तांत्रिक लेखों में विस्तृत रूप से वर्णित किए गए हैं।भगवान शिव, हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण एक देवता हैं। शिव पुराण के अनुसार, उन्हें त्रिमूर्ति का एक रूप माना जाता है जिनमें ब्रह्मा (सृष्टि), विष्णु (पालन-पोषण) और शिव (संहार) शामिल हैं।  यहां कुछ महत्वपूर्ण जानकारी है:

  1. शिव के नाम: भगवान शिव के कई नाम हैं जैसे शंकर, महादेव, नीलकंठ, महेश्वर, रुद्र, भैरव, अशुतोष आदि।

  2. शिव की पत्नी: पार्वती (शक्ति) भगवान शिव की पत्नी हैं। उनके साथ दो बेटे भी हैं, गणेश और कार्तिकेय।

  3. त्रिशूल: शिव का प्रमुख प्रतीक त्रिशूल है, जो उनके हाथ में होता है। त्रिशूल को तीनों ओर से तीव्र शक्ति संचालित करने की स्पष्टता दी जाती है।

  4. नंदी: शिव की वाहनी नंदी, एक भैंस के रूप में प्रतिष्ठित है। नंदी को गौ मान्यता दी जाती है और उन्हें शिव का विश्वासपात्र माना जाता है।

  5. जटा: शिव की झटाईयों या "जटा" उनका प्रमुख लक्षण है। उनके सिर पर सफेद जटाएँ होती हैं, जो विश्वासियों की निश्चलता और त्याग की प्रतीक हैं।

  6. शिव का तांडव नृत्य: भगवान शिव को नटराज भी कहा जाता है, और उनका तांडव नृत्य प्रसिद्ध है। इस नृत्य के माध्यम से शिव की सृष्टि, संहार और मृत्यु की प्रतिष्ठा दिखाई जाती है।

  7. ज्योतिर्लिंग: भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंग भूमि पर विख्यात हैं। केदारनाथ, विश्वनाथ, सोमनाथ, महाकालेश्वर, गृष्णेश्वर, मल्लिकार्जुन, नागेश्वर, ओम्कारेश्वर, भीमशंकर, रामेश्वरम, नागनाथेश्वर, वैद्यनाथ इनमें से कुछ मशहूर ज्योतिर्लिंग हैं।

  8. शिव की पूजा: भगवान शिव की पूजा और उपासना को महाशिवरात्रि, सावन मास और पूरे वर्ष में कई अन्य अवसरों पर किया जाता है। शिव भक्ति में ध्यान, मंत्र जाप और तांत्रिक रीति-रिवाजों का महत्वपूर्ण स्थान होता है।

  9. त्रिशूल और नाग: भगवान शिव के पास त्रिशूल होता है, जिसे उनकी संपत्ति और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। उनका वाहन साप नाग होता है, जिसे वासुकि कहा जाता है।

  10. जटा और चंद्रमौली: शिव की झटाईयों को जटा कहा जाता है, जिसे उनकी विशेषता माना जाता है। शिव का अलंकार चंद्रमौली भी होता है, जिसमें चंद्रमा उनके सिर पर स्थित होता है।

  11. आदिनाथ और महादेव: शिव को आदिनाथ और महादेव के रूप में भी जाना जाता है। वे सर्वशक्तिमान और सर्वव्यापी हैं, जिन्हें महाकाल, नीलकंठ, रुद्र, शंकर, भोलेनाथ, गिरिजापति, नटराज, आदि नामों से भी पुकारा जाता है।

  12. भक्तों की कथाएं: भगवान शिव की कई महान् और प्रसिद्ध कथाएं हैं, जैसे कि शिव-पार्वती की विवाह कथा, प्रहलाद की कथा, सती और दक्ष की कथा, मर्कण्डेय कथा, आदि।

  13. अवतार और पुराण: हिंदू पुराणों में शिव को महत्वपूर्ण अवतार माना जाता हैं। उनके जन्म और बाल्यकाल के कथानक विभिन्न पुराणों में वर्णित हैं। उनके अवतार के माध्यम से, शिव ने सृष्टि, संहार और पालन के कार्य किए हैं।

  14. त्रिशूल और गंगा: शिव के पास त्रिशूल, दमरू (डमरू) और गंगा जैसे प्रतीक होते हैं। उनके त्रिशूल की प्रतीक्षा धर्म, आध्यात्मिकता और संहार के साथ जुड़ी होती है, जबकि उनके दमरू की प्रतीक्षा तांडव नृत्य और सृष्टि के साथ जुड़ी होती है। उनके जटाओं में गंगा जी भी स्थान पाती हैं, जिसे भगवान शिव ने गंगा धारण करने के लिए अपने जटाओं में बांधा था।

  15. प्रतिमा और मंदिर: भगवान शिव की प्रतिमाएं और मंदिर भारत में व्यापक रूप से पाई जाती हैं। कैलाश पर्वत को भगवान शिव का आवास माना जाता है और कैलाश पर्वत पर जाने को मान्यता से महत्वपूर्ण यात्रा है।

  16. परिवार: भगवान शिव की पत्नी पार्वती हैं और उनके द्वारा दो बालक, गणेश और कार्तिकेय, की उत्पत्ति हुई है। शिव के परिवार को शिव परिवार (Shiva Parivar) कहा जाता हैं।

ये केवल कुछ महत्वपूर्ण तथ्य हैं भगवान शिव के बारे में। इसके अलावा, आप शिव पुराणों और धार्मिक पाठों का अध्ययन करके और संबंधित स्रोतों का उपयोग करके अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।


 शिव पुराण की संक्षिप्त जानकारी :- 


शिव पुराण हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण पुराणों में से एक है। इसमें भगवान शिव की महिमा, जीवन कथा, तत्वज्ञान, व्रत, पूजा-अर्चना, तीर्थ यात्रा, राजा मंद्यु, पार्वती और उनके अन्य संबंधित विषयों का वर्णन है। यह पुराण महाभारत के अनुसार महर्षि व्यास द्वारा लिखा गया है।

शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव सृष्टि के स्थापक और संहारक माने जाते हैं। उनकी विशेषताएं, शक्तियाँ और तपोबल का विवरण इस पुराण में दिया गया है। पुराण में शिव की विविध अवतारों, जौन, रावण, दक्ष, दुर्योधन और मंद्यु आदि के साथ जुड़े कथानक वर्णित हैं।

शिव पुराण में भगवान शिव के विभिन्न नामों, मंत्रों, स्तोत्रों, व्रतों, महाशिवरात्रि के महत्व, शिवलिंग की महिमा, द्वादश ज्योतिर्लिंगों का वर्णन और शिव भक्ति के मार्ग पर विस्तार से चर्चा की गई है।

इसके अलावा, शिव पुराण में शिव और पार्वती के पुत्र गणेश और कार्तिकेय के जन्म कथानक, उनके लीलाकार्य, शिव परिवार की महिमा, गंगा की उत्पत्ति और गंगाधार स्थापना की कथाएं भी वर्णित हैं।

शिव पुराण भक्तों और आध्यात्मिक ज्ञान के अनुसरण के लिए महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इसके पाठ और अध्ययन से शिव के गुणों, तत्वों और आध्यात्मिक सिद्धांतों का ज्ञान प्राप्त होता है। शिव पुराण के विभिन्न अंशों को पढ़कर आप उनके महिमा, करुणा और प्रेम को समझ सकते हैं और अपने जीवन को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से परिवर्तित कर सकते हैं।


ब्रह्मा, विष्णु और महेश में कौन सबसे बड़ा है?


शिव, विष्णु और ब्रह्मा हिन्दू धर्म में त्रिमूर्ति के रूप में मान्यता प्राप्त करते हैं। इन तीनों देवताओं का महत्व और स्थान हिन्दू धर्म की परंपराओं, मान्यताओं और विश्वासों में विभिन्न होता है।

हालांकि, यह कहना कि इनमें से कौन बड़ा है, एक सिद्धान्तिक प्रश्न है और अलग-अलग सम्प्रदायों में भिन्न दृष्टिकोण हो सकता है।

वैदिक परंपरा में, ब्रह्मा को सृष्टि का पालन करने वाले ईश्वर का प्रतीक माना जाता है। विष्णु को सृष्टि की रक्षा और पालन करने वाले ईश्वर का प्रतीक माना जाता है, जबकि शिव को प्रलय और नष्ट करने वाले ईश्वर का प्रतीक माना जाता है। इस प्रकार, यह कहा जा सकता है कि त्रिमूर्ति में शिव का स्थान सबसे ऊपर होता है, जबकि विष्णु और ब्रह्मा उसके नीचे स्थान पाते हैं।

हालांकि, इसके अलावा भी अन्य मान्यताएं और धारणाएं हैं जो इन तीन देवताओं की महत्वता को संदर्भित करती हैं। हिन्दू धर्म में सभी तीन देवताओं को समान रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है और उनकी पूजा-अर्चना विभिन्न आचार्यों और सम्प्रदायों के अनुसार की जाती है।


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आज हमने इस पोस्ट में भगवान शिव के जीवन शैली की सामान्य जानकारी को देख उनसे संबंधित विशिष्ट बातों और चर्चा की । कुछ संक्षिप्त जानकारी शिव पुराण के बारे में जानी ओर त्रिदेवों के बीच संबंधों को भी जानाजो कि आपको अपनी daily life में बहुत ही उपयोगी साबित होंगे ओर आपकी समझ को अपनी संस्कृति के प्रति ओर जागरूक करेगी जिससे आप अपने धर्म को ओर अच्छे से समझ सकते है।

उम्मीद करता हूँ कि आपको पोस्ट पसंद आई होगी यदि आयी हो तो आप इसे अपने जानने वालों के साथ साझा कर सकते है।


धन्यवाद।


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