पुनरुक्ति प्रकाश अंलकार किसे कहते है। पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार की परिभाषा एवम उदाहरण । पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार। हिंदी व्याकरण। अलंकार। पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार क्या हैं।




पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार की परिभाषा एवम उदाहरण (Punrukti Prakash alankar ki paribhasha evam udaharn)

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आज इस पोस्ट में हम पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार की परिभाषा एवम इसके विभिन्न उदाहरणों को विस्तार पूर्वक जानेंगे जो कि आपकी बोर्ड परीक्षाओं की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है एवम किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओ के लिए बहुत ही मददगार साबित होंगे तो आप पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें।

और आपके महत्वपूर्ण सुझाव कमेंट बॉक्स में दे।


धन्यवाद।

पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार - जिस काव्य में क्रमशः शब्दों की आवृत्ति एक समान होती है , किंतु अर्थ में कोई बदलाव  नहीं होता वहां पुनरुक्ति अलंकार माना जाता है। 

ललित-ललित काले घुंघराले।


प्रस्तुत पंक्ति में ललित शब्द का एक से अधिक बार प्रयोग हुआ है इसके कारण काव्य में सुंदरता की वृद्धि हुई है, अतः यहां पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार माना जाएगा।



2.  पुनरुक्ति दो शब्दों के योग से बना है पुन्र+उक्ति , अर्थात वह उक्ति(शब्द) जो बार-बार प्रकट हो। 

3. जिस वाक्य में शब्दों की पुनरावृति होती है वहां पुनरुक्ति अलंकार माना जाता है।


4.  जिस काव्य में क्रमशः शब्दों की आवृत्ति एक समान होती है , किंतु अर्थ की भिन्नता नहीं होती वहां पुनरुक्ति अलंकार माना जाता है।


नोट :- यमक अलंकार में शब्दों के अर्थ भिन्न होते हैं , जबकि इस अलंकार में अर्थ एक समान रहता है , केवल शब्दों की वृद्धि होती है)



5. जब किसी काव्य यह पंक्ति में एक ही शब्दों की निरंतर आवृत्ति होती हो पर वहां अर्थ की भिन्नता नहीं होने के कारण वह पुनरुक्ति अलंकार माना जाता है।


6. साधारण अर्थों में समझे तो जब कवि भाव को रोचक बनाने के लिए, कथन को प्रभावशाली बनाने के लिए ,एक शब्द का अधिक बार समान अर्थ में प्रयोग करता है वहां पुनरुक्ति अलंकार होता है।




पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार के उदाहरण (punrukti alankar ke udaharan)


1. लिखन बैठि जाकी सबी , गहि-गहि गरब गरूर।

2. आदरु दै-दै बोलियत , बयासु बलि की बेर

3. झूम झूम मृदु गरज गरज घनघोर।

4. डाल-डाल अली-पिक के गायन का समां बंधा।

5. सूरज है जग का बुझा-बुझा

6. खड़-खड़ करताल बजा।

7. जी में उठती रह-रह हूक।

8. खा-खाकर कुछ पायेगा नहीं।

9. मीठा-मीठा रस टपकता।

10. थल-थल में बसता है शिव ही।

11. रंग-रंग के फूलों पर सुन्दर।

12. सुबह-सुबह बच्चे काम पर जा रहे है।

13. लाख-लाख कोटि-कोटि हाथों की गरिमा।

14. मैं दक्षिण में दूर-दूर तक गया।

15. उड़-उड़ वृंतो से वृंतो परे।

16. अब इन जोग संदेसनि सुनि-सुनि।

17. हजार-हजार खेतों की मिट्टी का गुण धर्म

18. पुनि-पुनि मोहि देखाब कुठारु।

19. बहुत छोटे-छोटे बच्चे।

20. थल-थल में बसता है शिव ही।

21. सुंदर - सुंदर चेहरे।



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